BA Semester-1 Raksha Evam Strategic Study - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2635
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन

प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।

अथवा
भय को परिभाषित कीजिए। भय को प्रेरित करने वाले कारकों तथा इसके नियंत्रण के उपायों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर -

भय
(Fear)

चारों तरफ धुआं ही धुआं, गोंलियों की आवाजें, बमों के फटने का शोर, भयानक, चीत्कार साथियों के चीथड़े होते खून से लथपथ शरीर, शत्रु द्वारा पकड़े जाने पर मारे जाने की हर पल आंशका, अनिश्चित परिस्थितियाँ, शत्रु की निर्दयता के किस्से तथा स्वयं के पास गोला-बारूद व  संसाधनों के अभाव के कारण, हर पल मृत्यु की आंशका आदि के समय सैनिकों में भय का संचार करते हैं। एडविन जी० बोरिंग के अनुसार - "भय एक अप्रीतिकार संवेग हैं।

संवेग व्यक्ति को हिला देता है और भय के कारण का निवारण हो जाने पर हृदय जोर-जोर धड़कता रहता है। भय के कारण व्यक्ति का मानसिक संतुलन खो जाता है। वस्तुतः भय के कारण मनुष्य के अन्दर अचानक उत्तेजना फैल जाती है और सारा स्त्रायुंतत्र उद्वेलित हो उठता है। भये की अवस्था में सैनिक की लड़ने की इच्छा समाप्त हो जाती है लेकिन गर्वित भावना उसे लड़ने के लिए प्रेरित करती है जिसके कारण उसमें हताशा की स्थिति पैदा हो जाती है। नार्मन कोपलैंड के अनुसार भय का सवेंग अनिष्ट की उपस्थिति के कारण होता है।

मैकडुगल का मानना है कि " पलायन मानव की एक मूल प्रवृत्ति है जिसका आबद्ध संवेग हैं- भय। अर्थात् भय की अवस्था में इसके प्रतिक्रिया स्वरूप व्यक्ति या तो पलायन का प्रयास करता है या स्वयं को छिपाने का। इस प्रकार इन परिभाषाओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि भय एक जन्मजात क्रिया है।

भय को प्रेरित करने वाले कारक
(Causes to Inspired Fear)

निम्नलिखित कुछ प्रमुख कारक भय को प्रेरित करते हैं-

(1) अनिश्चितता युद्ध के समय हमेशा यह अनिश्चितता रहती है कि पता नहीं हम विजयी होंगे या नहीं पता नहीं कब शत्रु का आक्रमण हो जाये, कब हमें गोली या बम लग जायें, कब मृत्यु हो जायें, कब शत्रु द्वारा पकड़ लिया जाये आदि बातों से सैनिकों में अनिश्चितता बनी रहती है यही अनिश्चितता भय का प्रमुख कारक हैं।

(2) अकुशल नेतृत्व युद्ध में विजय के लिए आवश्यक अन्य सभी तत्वों के रहते हुए भी यदि नेतृत्व अकुशल एवं अनुभव विहीन हो, तो भी सेना विपरीत परिस्थिति में फँस सकती है तथा उसके सैनिक भय का शिकार हो सकते हैं।

(3) अस्पष्ट लक्ष्य अस्पष्ट लक्ष्य विभ्रम की स्थिति पैदा कर सकता है और जब लक्ष्य स्पष्ट नहीं रहता है तो सैनिकों के मन में अनेक आशंकाए उत्पन्न हो जाती है। जिनके कारण भय उत्पन्न हो सकता है।

(4) प्रशिक्षण की कमी अच्छे से अच्छे हथियारों के होते हुए भी कभी-कभी प्रशिक्षण की कमी के कारण उन हथियारों का उपयोग नहीं हो पाता है जिसके कारण सैनिकों में हताश की भावना उत्पन्न हो जाती है और उनमें भय उत्पन्न हो जाता है।

(5) अच्छे हथियारों का अभाव- शत्रु की अपेक्षा स्वयं के पास अच्छे हथियारों की कमी भी भय का कारण बन सकती है क्योंकि सैनिकों में यह भावना पैदा हो जाती है कि शत्रु के पास अच्छे हथियार है, इसलिए अपेक्षाकृत अधिक शक्तिशाली है और वह अवश्य विजयी होगा। इसलिए अच्छे हथियारों का अभाव भी भय का एक कारण है।

(6) सैनिकों की व्यक्तिगत कमजोरियाँ प्रत्येक सैनिक में कुछ न कुछ व्यक्तिगत कमजोरियाँ अवश्य होती है जोकि भय उत्पन्न करने में सहायक सिद्ध होती है अतः प्रशिक्षण के दौरान ही इन कमजोरियों को ढूंढ कर दूर कर देना चाहिए ताकि सैनिकों पर भय हावी न हो सके।

(7) अनुशासन की कमी सेना में अनुशासन का विशेष महत्व होता है और अनुशासनविहीन सेना एक भीड़ के समान होती है जहाँ भय व आंतक आसानी से उत्पन्न हो सकता है। इसलिए अनुशासन की कमी भी भय को प्रेरित करने वाले कारकों में से एक प्रमुख कारक है।

भय को नियंत्रित करने के तरीके
(Methods of control fear) :

सैनिकों को युद्ध के दौरान भय से बचाने के कुछ उपाय किये जा सकते हैं जो निम्नलिखित हैं-

(1) परिस्थितियों का ज्ञान कराना युद्ध की परिस्थितियों की पूर्ण जानकारी का अभाव भी लोगों के मन में भय व विभ्रम की स्थिति पैदा कर देता है। जानकारी के अभाव में योजना निर्धारण में भी कठिनाई उत्पन्न हो जाती है। अतः युद्ध में जाने वाले सैनिकों के शत्रु के बारे में जानकारी प्रदान करना तथा सेना में आयी विभिन्न परिस्थितियों का ज्ञान कराने से भय कम हो जाता हैं।

(2) अभ्यास अभ्यास भय को सीमित करने में सहायक होता है। भयावस्था लोगों को असवाधानी की स्थिति में ढकेलती है। जबकि अनुशासनावस्था उनको उचित कार्य की ओर प्रेरित करती है। कार्यावस्था की स्थिति भयावस्था को सीमित करने में सहायक होती है। कार्यरत व्यक्ति को भय नहीं लगता है। इसलिए युद्ध के समय भी अभ्यास करते रहना चाहिए।

(3) अच्छी शारीरिक स्थिति शारीरिक रूप से कमजोर यानी थका हुआ, भूखा तथा नींद से बोझल व्यक्ति एक स्वस्थ्य व्यक्ति की अपेक्षा भयग्रस्त होता है। इसलिए युद्धकाल में भी सैनिकों को कुछ आराम का अवसर देना चाहिए ताकि उनकी शारीरिक क्षमता सुदृढ़ हो सके।

(4) शान्तिपूर्ण व्यवहार भय के समय भी शान्तिपूर्ण व्यवहार रखने से भय कम हो सकता है। भय के अवसर पर सैनिक व कमाण्डर दोनों को ही शान्तिपूर्ण होकर विचार करना चाहिए तथा अधिक भयभीत सैनिकों को अन्य सैनिकों के बीच से हटा देना चाहिए। इससे भय को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

(5) कर्त्तव्यनिष्ठा - कर्त्तव्यनिष्ठा की भावना व्यक्ति को कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अविचल भाव से कर्तव्य पालन हेतु निरन्तर प्रेरित करता रहता है। यह मानसिकता इतनी दृढ़ होती है कि इससे व्यक्ति आसानी से भयावस्था को पार कर जाता है।

(6) उचित स्थिति का ज्ञान युद्ध के दौरान समय-समय पर सैनिकों को उचित जानकारी व स्थिति का ज्ञान कराते रहना चाहिए। उचित जानकारी न मिल पाने के कारण अफवाह फैल जाती है जिससे भय उत्पन्न हो जाता है किन्तु जब सैनिकों को उचित स्थिति का ज्ञान करा दिया जाता है तो भय कम हो जाता है।

(7) विनोदप्रियता तनाव व भय की स्थिति में हँसी की फुहार जीवनदायी सिद्ध हो सकती है। मनोविनोद का अवसर मिलने से भय की चिन्ता तो समाप्त हो जाती है तथा साथ ही भय की आगामी आंशका का निवारण भी हो जाता है। अतः भयावस्था को विनोद के माध्यम से सीमित करने का प्रयास करना चाहिए।

(8) सहयोगियों से संपर्क भय की स्थिति अधिकतर अकेलेपन में उत्पन्न होती है, किन्तु जब दूसरे सहयोगियों से संपर्क हो जाता है तो भय बहुत हद तक दूर हो जाता है। अतः ऐसे समय में एक-दूसरे के सहयोग का विश्वास भय को सीमित करने में सहायक होता है।

(9) धार्मिक विश्वास ईश्वर की सत्ता तथा आत्मा की अमरता में विश्वास करने वाले सैनिकों को अक्सर मृत्यु का भय नहीं होता है। धार्मिक व्यक्ति ईश्वर द्वारा अपने को सुरक्षित समझता है और वह भी जानता है कि जो होना है वह होगा इसलिए बेकार में डरने से कोई लाभ नहीं। प्रार्थना और आराध्य पर दृढ़ विश्वास मन में शक्ति का संचार करता है, जिससे भय की स्थिति से निकलने में सहायता मिलती है।

(10) भय की जानकारी अनुभवहीन सैनिक युद्ध के भय से ही भयभीत रहता है। इसका मुख्य कारण वस्तुस्थिति की जानकारी का अभाव होता है। यदि उसे वस्तुस्थिति से पूर्णत: अवगत करा दिया जाये तो उनके भीतर के भय को आसानी से दूर किया जा सकता है। भय का ज्ञान भय को समाप्त करने में सहायक होता है।

(11) कुशल नेतृत्व - युद्ध के दौरान सैनिकों का भय कम करने में कुशल नेतृत्व की अहम भूमिका होती है। अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति व आत्म नियंत्रण के बल पर नेता स्वंय के भय को उद्घटित किये बिना अपने साथियों के मनोबल को सुदृढ़ करके भय कम करने में सहायक हो सकता है। एक आशावादी व अपने साथियों की प्रत्येक सुविधा की चिन्ता करने वाले कमाण्डर के लिए सैनिक कोई भी बलिदान करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। भय को नियंत्रित करने के लिए कैप्टन लिडिल हार्ट ने कहा है कि " सैनिक की अपने भय पर काबू पाने के लिए अपने नेता की कुशलता में विश्वास होना चाहिए तथा उसके प्रति आत्मोत्सर्ग करने की भावना भी।"

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  2. प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
  3. प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  4. प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  5. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
  6. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  7. प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
  8. प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
  9. प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
  10. प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  13. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
  14. प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
  15. प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
  19. प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
  20. प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
  21. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
  22. प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
  23. प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
  25. प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
  26. प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
  27. प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
  29. प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
  30. प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
  31. प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
  34. प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
  35. प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
  40. प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
  41. प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
  42. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  43. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
  44. प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
  47. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  48. प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
  56. प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  59. प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
  61. प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
  65. प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
  66. प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
  68. प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
  69. प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
  70. प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
  71. प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
  72. प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
  73. प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
  74. प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
  75. प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
  76. प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
  77. प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
  78. प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
  80. प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
  81. प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
  82. प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  83. प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
  84. प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  85. प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
  86. प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
  87. प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
  89. प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
  91. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  92. प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
  93. प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
  94. प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  95. प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
  96. प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।

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